NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for लाख की चूड़ियाँ are extremely popular among class 8 students for Hindi लाख की चूड़ियाँ Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 8 Hindi Chapter 2 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 8 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.
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Question 1:
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' क्यों कहता था?
Answer:
लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहा करता था। वो लाख की बहुत सुन्दर चुड़ियाँ बनता था। परन्तु लेखक के लिए वह लाख की रंग बिंरगी सुन्दर गोलियाँ बनाकर दिया करता। जिसके कारण लेखक सदैव बदलू के पास जाता और यही कारण है कि लेखक को उसके मामा का गाँव भाता था।
बदलू को समस्त गाँव ही बदलू काका कहकर बुलाया करता था। इसलिए लेखक ने भी उनको काका कहना ही उचित समझा। बदलू उन्हें आम खाने को देता, मलाई खाने को देता।
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Question 2:
वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
Answer:
वसà¥à¤¤à¥ विनिमय सॠतातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ लà¥à¤¨-दà¥à¤¨ à¤à¥ लिठरà¥à¤ªà¤-पà¥à¤¸à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤ वसà¥à¤¤à¥ à¤à¤¾ दà¥à¤¸à¤°à¥ वसà¥à¤¤à¥ सॠà¤à¥à¤°à¤¯-विà¤à¥à¤°à¤¯ à¤à¤°à¤¨à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¸ तरह सॠबदलॠलाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर ठनाठव à¤à¤ªà¥à¥ लिया à¤à¤°à¤¤à¤¾ था। वसà¥à¤¤à¥ विनिमय à¤à¥ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µà¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¥¤ यहाठलà¥à¤ ठनà¥à¤¨ à¤à¥ बदलॠठनà¥à¤¯ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ (à¤à¤¾à¤¨à¥ पà¥à¤¨à¥ व à¤à¤ªà¥à¥) वसà¥à¤¤à¥ सॠà¤à¤¦à¤¾à¤¨-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¤° लà¥à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤¸ समय à¤à¤¸ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रà¥à¤ªà¤-पà¥à¤¸à¥à¤ नॠलॠलिया हà¥à¥¤
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Question 3:
'मशà¥à¤¨à¥ यà¥à¤ नॠà¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ हाथ à¤à¤¾à¤ दिठहà¥à¤à¥¤'- à¤à¤¸ पà¤à¤à¥à¤¤à¤¿ मà¥à¤ लà¥à¤à¤ नॠà¤à¤¿à¤¸ वà¥à¤¯à¤¥à¤¾ à¤à¥ à¤à¤° सà¤à¤à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥?
Answer:
लà¥à¤à¤ नॠà¤à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤°à¥à¤ à¤à¥ तरफ़ सà¤à¤à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हॠà¤à¥ हाथ सॠबनॠवसà¥à¤¤à¥à¤à¤ सॠठपना à¤à¥à¤µà¤¨à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ à¤à¤°à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤ à¤à¥ मशà¥à¤¨à¥ यà¥à¤ नॠà¤à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤°à¥à¤ à¤à¥ हाथ à¤à¤¾à¤à¤à¤° मानà¥à¤ à¤à¤¨à¤à¥ रà¥à¤à¥ हॠà¤à¥à¤¨ लॠहà¥à¥¤ à¤à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤°à¥à¤ à¤à¤¾ रà¥à¤à¤à¤¾à¤° à¤à¤¨ पà¥à¤¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤® धनà¥à¤§à¥à¤ सॠहॠà¤à¤²à¤¤à¤¾ था। à¤à¤¸à¤à¥ ठलावा à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤à¥ à¤à¥à¤ नहà¥à¤ सà¥à¤à¤¾ था। वॠपà¥à¥à¥ दर पà¥à¥à¥ ठपनॠà¤à¤¸ à¤à¤²à¤¾ à¤à¥ बà¥à¤¾à¤¤à¥ à¤à¤²à¥ ठरहॠहà¥à¤ à¤à¤° साथ मà¥à¤ रà¥à¤à¤¼à¥ रà¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤²à¤¾ रहà¥à¤ हà¥à¤à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ मशà¥à¤¨à¥ यà¥à¤ नॠà¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¤¨à¤à¥ रà¥à¤à¤¼à¥ रà¥à¤à¥ पर वार à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥, वहॠदà¥à¤¸à¤°à¥ à¤à¤° à¤à¤¨ बà¥à¤¶à¤à¥à¤®à¤¤à¥ à¤à¤²à¤¾à¤à¤ à¤à¤¾ ठà¤à¤¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ ठनà¤à¤¿à¤¨à¤¤ à¤à¤²à¤¾à¤à¤ हà¥à¤ à¤à¥ लà¥à¤ªà¥à¤¤ ठवसà¥à¤¥à¤¾ मà¥à¤ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤°à¤¨à¥ वालॠà¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤¸ यà¥à¤ à¤à¥ ठà¤à¤§à¤à¤¾à¤° मà¥à¤ à¤à¥ रहॠहà¥à¤à¥¤ यहॠवॠवà¥à¤¯à¤¥à¤¾ हॠà¤à¥ लà¥à¤à¤ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤²à¤¾ हà¥à¤¨à¥ पर à¤à¥ बà¥à¤à¤¾à¤° हॠà¤à¤ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ रà¥à¤à¤¼à¥ रà¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤® हॠà¤à¤à¥¤
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Question 4:
बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।
Answer:
लà¥à¤à¤ à¤à¥ ठनà¥à¤¸à¤¾à¤° बदलॠà¤à¤¸à¤à¥ मामा à¤à¥ à¤à¤¾à¤à¤µ मà¥à¤ लाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ शà¥à¤°à¥à¤·à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¥à¤à¤° था। à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¤¾à¤à¤µ à¤à¥ ठलावा बाहर à¤à¤¾à¤à¤µ मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ लाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤à¤²à¤¿à¤¤ थà¥, विवाह मà¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤à¤²à¤¿à¤¤ थà¥à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ à¤à¥à¤¸à¥-à¤à¥à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤²à¤¨ बà¥à¤¨à¥ लà¤à¤¾à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ लाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ मà¥à¤²à¥à¤¯ à¤à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤°à¤®à¥à¤ हॠà¤à¤¯à¤¾à¥¤ नतà¥à¤à¤¨ à¤à¤ दिन à¤à¤¨ लाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ नॠलॠलिया à¤à¤° बदलॠà¤à¥ लाठà¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ à¤à¤¾ ठनà¥à¤¤ हॠà¤à¤¯à¤¾à¥¤ ठब à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नहà¥à¤ पहनता था। सबà¤à¥ à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥ à¤à¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤¨à¥ लà¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤à¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ à¤à¥ यह दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ बदलॠà¤à¥ ठनà¥à¤¦à¤° हॠठनà¥à¤¦à¤° à¤à¤à¥à¤à¤¤à¥ थॠपरनà¥à¤¤à¥ ठपनॠà¤à¤¸ वà¥à¤¦à¤¨à¤¾ à¤à¥ वह à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ पà¥à¤°à¤à¤ नहà¥à¤ à¤à¤°à¤¤à¤¾ था। लà¥à¤à¤ à¤à¤¸à¤à¥ हà¥à¤¦à¤¯ à¤à¥ à¤à¤¸ वà¥à¤¦à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¤²à¥-à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ समà¤à¤¤à¤¾ था à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ लà¥à¤à¤ नॠठपनॠबà¤à¤ªà¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤ लमà¥à¤¬à¤¾ वà¤à¥à¤¤ बदलॠà¤à¥ साथ वà¥à¤¯à¤¤à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ था। à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤¸à¤à¥ लिठबदलॠà¤à¥ मन à¤à¥ दशा à¤à¥ समà¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¼à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¸à¤¾à¤¨ था।
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Question 5:
मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
Answer:
मशीनी युग के कारण उसका सारा व्यवसाय चौपट हो गया। उसने इस लाख की चूड़ियों के अलावा कभी और कुछ सीखा ही नहीं था। जिसके कारण वह बेरोज़गार हो गया। अब वह कमज़ोर व बीमार हो गया था। उसकी बेबसी लेखक को उसके चेहरे पर दिखाई देने लगी थी। जिसने उसे एक बूढ़ा व बीमार व्यक्ति बना दिया था।
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Question 3:
मशà¥à¤¨à¥ यà¥à¤ मà¥à¤ ठनà¥à¤ परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤ दिन हà¥à¤¤à¥ रहतॠहà¥à¤à¥¤ à¤à¤ª ठपनॠà¤à¤¸-पास सॠà¤à¤¸ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸à¥ परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥à¤¨à¤¿à¤ à¤à¤° à¤à¤¸à¤à¥ बारॠमà¥à¤ लिà¤à¥à¥¤
Answer:
मशà¥à¤¨à¥ यà¥à¤ à¤à¥ परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤ ठà¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥à¤·à¤¿ हà¥à¥¤ पहलॠà¤à¤¿à¤¸à¤¾à¤¨ हर à¤à¤¾à¤® हाथ सॠहॠà¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥à¥¤ à¤à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ लिठबà¥à¤²à¥à¤ à¤à¤¾ सहारा लà¥à¤¨à¤¾ पड़ता था। लà¥à¤à¤¿à¤¨ à¤à¤à¤à¤² हर à¤à¤¾à¤® मशà¥à¤¨ सॠहà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¤¸à¥ à¤à¥à¤à¥ मà¤à¤¼à¤¦à¥à¤° बà¥à¤à¤¾à¤° हॠà¤à¤, à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ ठपनॠरà¥à¤à¤¼à¥ à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥ शहर à¤à¤¨à¤¾ पड़ा।
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Question 1:
बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से' और बदलू स्वयं कहता है - जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?'' ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
Answer:
(1) बदलू ने मेरी दृष्टि देख ली और बोल पड़ा, यही आखिरी जोड़ा बनाया था ज़मींदार साहब की बेटी के विवाह पर, दस आने पैसे मुझको दे रहे थे। मैंने जोड़ा नहीं दिया। कहा, शहर से ले आओ।
इस कथन में उसके ज़मींदार पर व्यंग्य करना है। जिस बदलू की चूड़ियों की धूम सारे गाँव में नहीं अपितु आस पास के गाँवों में भी थी, लोग शादी-विवाह पर उसको मुहँ माँगें मूल्य दिया करते थे, ज़मींदार उसे दस आने देकर सन्तुष्ट करना चाहते थे। दूसरा व्यंग्य उसने शहर पर किया है । ज़मींदार के द्वारा उसको सिर्फ़ दस आने देने पर उसने जमींदार को चूड़ियाँ शहर से लाने के लिए कह दिया क्योंकि शहर की चूड़ियों का मूल्य उसकी चूड़ियों से सहस्त्र गुना महँगा था।
(2) आजकल सब काम मशीन से होता है खेत भी मशीन से जोते जाते हैं और फिर जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है?
यहाँ पर प्रथम व्यंग्य बदलू ने मशीनों पर किया है, दूसरा व्यंग्य काँच की चूड़ियों पर। उसके अनुसार अब तो खेतों का सारा काम मशीनों से हो जाता है। आदमियों की ज़रूरत क्या है और दूसरा काँच की चूड़ियों पर कि काँच की चूड़ियाँ दिखने में इतनी सुन्दर होती है कि लाख की चूड़ियाँ भी इनके आगे फीकी लगती हैं। अर्थात् सुन्दरता के आगे दूसरी वस्तु की गुणवत्ता का कोई मूल्य नहीं है।
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Question 2:
'बदलà¥' à¤à¤¹à¤¾à¤¨à¥ मà¥à¤ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ सॠपातà¥à¤° हॠà¤à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥ बात (वà¥à¤¯à¤¾à¤à¤°à¤£) à¤à¥ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ सॠसà¤à¤à¥à¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨, वसà¥à¤¤à¥, विà¤à¤¾à¤° ठथवा à¤à¤¾à¤µ à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ सà¤à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¥ तà¥à¤¨ à¤à¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ बाà¤à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हॠ(à¤) वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤à¤ सà¤à¤à¥à¤à¤¾, à¤à¥à¤¸à¥-शहर, à¤à¤¾à¤à¤µ, पतलà¥-मà¥à¤à¥, à¤à¥à¤², à¤à¤¿à¤à¤¨à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ (à¤) à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤à¤ सà¤à¤à¥à¤à¤¾, à¤à¥à¤¸à¥-à¤à¤°à¤¿à¤¤à¥à¤°, सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ, वà¤à¤¨, à¤à¤à¤¾à¤° à¤à¤¦à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥ वालॠसà¤à¤à¥à¤à¤¾à¥¤ (à¤) à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤à¤ सà¤à¤à¥à¤à¤¾, à¤à¥à¤¸à¥-सà¥à¤à¤¦à¤°à¤¤à¤¾, नाà¤à¥à¤, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¤¿à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¥à¤ वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿ नहà¥à¤ हॠà¤à¤° न à¤à¤à¤¾à¤°, वà¤à¤¨à¥¤ परà¤à¤¤à¥ à¤à¤¸à¤à¤¾ ठनà¥à¤à¤µ हà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ पाठसॠतà¥à¤¨à¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤° à¤à¥ सà¤à¤à¥à¤à¤¾à¤à¤ à¤à¥à¤¨à¤à¤° लिà¤à¤¿à¤à¥¤
Answer:
-
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(à¤)
à¤à¤¾à¤µà¤µà¤¾à¤à¤ सà¤à¤à¥à¤à¤¾
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बà¥à¤®à¤¾à¤°, बà¥à¤°à¥à¤à¤à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾, वà¥à¤¯à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ, शाà¤à¤¤à¤¿, पढ़ाà¤à¥¤
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Question 3:
गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
Answer:
उम्र- उमर
मर्द - मरद
भैया - भइया
ग्राम - गाँव
अंबा - अम्मा
दुर्बल - दुबला
1. लाख की चूड़ियाँ पहने, तो मोच आ जाए।
अर्थ − लाख की चूड़ियाँ काँच की चूड़ियों से भारी होती है। शायद अब औरतें लाख की चूड़ियों का भार न सह सके।
2. मशीनी युग है न, लला! आजकल सब काम मशीन से होता है।
अर्थ − अब मशीन का युग है। हर काम मशीन से होता है। इससे किसके जीवन पर क्या असर पड़ता है इसकी किसी को कोई चिंता नहीं है।
3. गाय कहाँ है लला! दो साल हुए बेच दी। कहाँ से खिलाता?
अर्थ − अब काँच को चूड़िया बनने के बाद कोई भी लाख की चूड़िया खरीदना पंसद नहीं करता था क्योंकि वे काँच से महँगी थी। इससे बदलू की आर्थिक स्थिति खराब हो गई उसे खुद के खाने के लिए नहीं था गाय को कैसे खिलाता।
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