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प्रिय मित्र आपका उत्तर इस प्रकार है- यह पंक्ति पाठ 'जॉर्ज पंचम की नाक' से ली गई है ।जब इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने पति के साथ हिंदुस्तान आने वाली थी । उस समय हिंदुस्तान के लिए सबसे बड़ी परेशानी थी ,जॉर्ज पंचम की लाट से गायब हुई नाक । नाक बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। सभी मूर्ति कार पहाड़ी प्रदेशों और पत्थर की खानों के दौरे पर निकल पड़े । लेकिन सभी निराश होकर लौट आए , और कहा कि हिंदुस्तान का चप्पा- चप्पा छान मारा है, पर ऐसा पत्थर कहीं नहीं मिला क्योंकि यह पत्थर विदेशी है । यह सुनकर तैश में आकर सभापति ने कहा ,कि लानत है! आपकी अक्ल पर, जब विदेशों की सारी चीजें हम अपना चुके हैं दिल- दिमाग--- तौर-तरीके ,रहन -सहन । जब हिंदुस्तान में बाल डांस तक मिल जाता है ,तो पत्थर क्यों नहीं । सभापति का मूर्ति कारों से कहने का मतलब था, कि जब हम हर विदेशी चीज को अपना रहे हैं ,तो विदेशी पत्थर भी हमें अवश्य नाक बनाने के लिए मिल ही जाएगा ।

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