anyokti alankar ke bare me desciption.. aur pahchan.

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अन्योक्ति अलंकार:- इसमें अन्य + उक्ति कही जाती है, अर्थात जो है उसको किसी अन्य के बारे में कहकर समझाया जाए या व्यंग किया जाए तो, अन्योक्ति अलंकार कहते हैं;
1. जिन दिन देखे वे कुसुम गई सुबीति बहार
अब अलि रही गुलाब में अपत कँटीली डार

इसमें भौरे (अलि) के माध्यम से किसी विद्वान व्यक्ति और उसको सहारा देने वाले का वर्णन किया है कि आश्रयदाता अब गुलाब के बिना पतझ़ड़ का पेड़ हो गया है।

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