garmi ki chhutiyon ka anubhav likhiye

हम लोग इस बार ग्रीष्म अवकाश मानने के लिए दार्जिलिंग में गए थे। यह स्थान सुंदर और रमणीय था। इस समय पूरा दार्जिलिंग सैलानियों से भरा पड़ा होगा। भारत के हर हिस्से से लोग वहाँ पर घुमने आते हैं। गर्मियों में दार्जिलिंग जाने का अपना ही आनंद है। हिमालय के पास स्थित होने के कारण यहाँ वातावरण बहुत ही ठंडा रहता है। इसके सौन्दर्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। हरे-भरे पहाड़, चाय के बागान, ऊँचे-ऊँचे चीड़ के वृक्ष मन को मोह लेते हैं। हमने वहाँ के ठंडे और रमणीय वातावरम में बहुत  मौज-मस्ती की। हमने वहाँ बहुत से प्रसिद्ध स्थानों का भ्रमण किय। एक सप्ताह कैसे गुजरा कुछ पता ही नहीं चला। वापस आकर इस स्थान की सुंदर यादें दिल्ली की भीषण गर्मी से राहत देती रही। उसके बाद मेरे पास पूरा एक महीना पड़ा था। अतः मैंने ड्राइंग तथा जूडो-करांटे की कक्षा लेनी आरंभ की। अपने दोस्तों के साथ सुबह सैर पर जाता और शाम को गरीब बच्चों को जूडो-करांटे भी सीखता। इस तरह मेरे ये दिन मजे और आनंद में निकल गए। हमने इसमें जो सबसे अच्छा कार्य किया वह था गरीब बच्चों को जूडो-करांटे सीखना। इससे जहाँ मैंने पैसे देकर सीख, वहीं अपनी सीखी विद्या दूसरो बच्चों को भी सिखाई।

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garmi ki chhutiyon me bohat masa aata hai hmain bhot sare gagha ghoomne ko milte hain
hum bahar ga ke dhhop sek sakte hain 
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