Parvat pradesh mein paavas ans pls

कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत जी ने झरने की तुलना मोतियों की लड़ी से की है।
 झरने के पानी से गिरने की तीव्र गति से उत्पन्न झाग और बूंदे ऐसी प्रतीत होती हैं कि मानो चारों तरफ मोती झर-झर कर बिखर रहें हों, ऐसा लगता ही कि माला की लड़ी से मोती टूट-टूटकर चारों तरफ गिर रहे हों।

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कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत जी ने झरने की तुलना मोतियों की लड़ी से की है।
 झरने के पानी से गिरने की तीव्र गति से उत्पन्न झाग और बूंदे ऐसी प्रतीत होती हैं कि मानो चारों तरफ मोती झर-झर कर बिखर रहें हों, ऐसा लगता ही कि माला की लड़ी से मोती टूट-टूटकर चारों तरफ गिर रहे हों।
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Hjjjkkko
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