ramvrikh benipuri ki bhashagat vishesta par prakash daale.
please answer if u know....its very important
नमस्कार मित्र!
रामवृक्ष बेनीपूरी की भाषा बहुत प्रभावशाली है। इन्होंने हिन्दी के साथ-साथ ग्रामीण शब्दों का भी समावेश किया है जिससे भाषा में कठिनाई नहीं लगती है। हिन्दी बहुत ही सरल और सहज है। बालगोबिन भगत में हिन्दी बहुत ही परिष्कृत है। क्रियाविशेषण शब्दों से भाषा में सुंदर तालमेल बिठाया गया है। भाषा का रूप सशक्त है, अपनी बात बहुत दुढ़ रूप में व्यक्त की गई है। भाषा पात्रों के अनुरूप है। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि भाषा पात्रों के साथ बेमेल न हो। कबीर की सूक्तियाँ का प्रयोग कर बालगोबिन के व्यक्तित्व को संवारा गया है। लेखक ने पूरा प्रयास किया है भाषा का स्वरूप बना रहे है और पढ़ने वाले को कठिनाई न हो
ढेरों शुभकामनाएँ!