write a letter to your friend describing your first day experince in your new class

 
Hi!
4/37, जाम नगर
गुजरात।
दिनाँक-4-3-2011
 
प्यारे मित्र अविनाश
सप्रेम,
आज ही तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारा हालचाल मालूम हुआ। मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। मित्र आज मेरा कक्षा में पहला दिन था। कक्षा में जाने से पहले मैं बहुत घबराया हुआ था। मन में तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे थे कि वहाँ का वातावरण कैसा होगा, मेरे साथ पढ़ने वाले सहपाठी कैसे होगें और क्या मैं वहाँ सबके साथ तालमेल बिठा पाऊँगा इत्यादि।
 
मैंने जब कक्षा में प्रवेश किया तो मेरी अध्यापिका ने सबसे मेरा परिचय कराया। मेरी कक्षा में 30 विद्यार्थी थे। सब ने एक करके मुझे अपना परिचय दिया। एक अमर नाम के विद्यार्थी ने मुझे अपने साथ बैठने का आग्रह किया। अध्यापिका के जाने के पश्चात सबने मुझसे बात की व मेरे साथ अपना लंच बांटकर खाया। उनके इस मिलनसार व्यवहार ने मेरे मन से सारी घबराहट दूर कर दी। मुझे एक पल के लिए भी ऐसा प्रतीत नहीं हुआ की मैं इस विद्यालय में नया हूँ। सबके व्यवहार ने मुझे बहुत प्रसन्नता दी।  
 
मित्र घर में सब बड़ों को मेरा प्रणाम कहना, नेहा व दीपू को प्यार। मित्र तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा।
 
तुम्हारा मित्र
अभिनव
 
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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