Board Paper of Class 10 2019 Hindi (B) Delhi(SET 2) - Solutions
(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्निलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्तव्य यह देखना है कि उसकी रूचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लार्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे। इसी सिद्धांत के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है, बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कवि, सेना बनाकर चलने वाला सेनापति, भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकू, पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रूचि रखने वाला वैज्ञानिक बनेगा।
जब यह विदित हो जाए कि लड़के कि रूचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धंधे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है, जिनके काम-धंधे का पूर्ण प्रतिबिम्ब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं।
प्रत्येक मनुष्य में एक विशेष कार्य को अच्छी प्रकार करने की शक्ति होती है। वह बड़ी दृढ़ और उत्कृष्ट होती है। वह देर तक नहीं छिपती उसी के अनुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुन लिया तो समझ लीजिए कि बहुत बड़ा काम कर लिया।
(क) लार्ड वेस्टरफील्ड का क्या सिद्धांत था ?
(ख) इसे उसने सर्वप्रथम किस पर आजमाया ? और क्या परिणाम रहा ?
(ग) बालक आगे चलकर कैसा मनुष्य बनेगा, इसका अनुमान कैसे लगाया जा सकता है ?
(घ) सही कार्यक्षेत्र चुनने के क्या लाभ हैं ?
(ङ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए। VIEW SOLUTION
- Question 2
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
कार्य-थल को वे कभी नहीं पूछते - 'वह है कहाँ',
कर दिखाते हैं असंभव को वही संभव यहाँ।
उलझने आकर उन्हें पडती हैं जितनी ही जहाँ,
वे दिखाते हैं नया उत्साह उतना ही वहाँ।
जो रुकावट डालकर होवे कोई पर्वत खड़ा,
तो उसे देते हैं अपनी युक्तियों से वे उड़ा।
वन खंगालेंगे, करेंगे व्योम में बाजीगरी,
कुछ अजब धुन काम के करने की उनमें है भरी।
सब तरह से आज जितने देश हैं फूले-फले,
बुद्धि, विद्या, धन, वैभव के हैं जहाँ डेरे डले।
वे बनाने से उन्हीं के बन गए इतने भले,
वे सभी हैं हाथ से ऐसे सपूतों के पले।
लोग जब ऐसे समय पाकर जनम लेंगे कभी
देश की और जाति की होगी भलाई भी तभी।
(क) कर्मवीरों की दो विशेषताएँ बताइए।
(ख) कैसे कह सकते हैं कि कर्मवीर मनुष्य में काम करने की अजब धुन होती है?
(ग) किसी देश के नागरिक कर्मवीर हों तो देश को क्या लाभ होता है ?अथवा
हम जब होंगे बड़े, घृणा का नाम मिटाकर लेंगे दम।
हिंसा के विषमय प्रवाह में, कब तक और बहेगा देश!
जब हम होंगे बड़े, देखना नहीं रहेगा यह परिवेश!
भ्रष्टाचार जमाखोरी की, आदत बहुत पुरानी है,
ये कुरीतियाँ मिटा हमें तो, नई चेतना लानी है।
एक घरौंदा जैसा आखिर, कितना और ढहेगा देश,
जब हम होंगे बड़े देखना, ऐसा नहीं रहेगा देश!
इसकी बागडोर हाथों में, ज़रा हमारे आने दो,
थोड़ा-सा बस पाँव हमारा, जीवन में टिक जाने दो।
हम खाते हैं शपथ, दुर्दशा कोई नहीं सहेगा देश,
घोर अभावों की ज्वाला में, कल से नहीं ढहेगा देश।
(क) कविता में बच्चा अपने बड़े होने पर क्या-क्या पिरवर्तन करने का इच्छुक है ? दो का उल्लेख दीजिए।
(ख) हमारे समाज और परिवेश में क्या-क्या बुराइयाँ आ गई हैं ? उनके क्या दुष्परिणाम हो रहे हैं?
(ग) कवि क्या शपथ खाता है और क्यों? VIEW SOLUTION
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